दिल के जज़्बात
Sunday, 22 June 2014
ना शब ना सहर है
ना शब ना सहर है
इश्क का ही कहर है
हर सू है अंधेरा अब
जिंदगी भी ज़हर है
--कमला सिंह "ज़ीनत "
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