Sunday, 15 June 2014

वो चाहत 
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वो चाहत क्या ही उम्दा है 
वो चाहत कितनी अच्छी है 
वो चाहत लाज़वाब है 
वो चाहत नर्गिसी  की खुश्बू 
वो चाहत रात की रौनक 
वो चाहत दिन का शहज़ादा 
वो चाहत बोल तो   सकता है 
वो चाहत  गूंगा रहता है 
वो चाहत मौसम ए गरमां 
वो चाहत सर्द की आँधी 
वो चाहत बारिश की बूंदें  
वो चाहत फूल की खुश्बू  
वो चाहत हमारी है 
वो चाहत शान वाला है 
वो चाहत है दुआ मेरी 
वो चाहत चाँद जैसा है 
वो चाहत बर्फ वाली है 
वो चाहत एक दरिया है 
वो चाहत एक कश्ती है 
वो चाहत एक हलचल है
वो चाहत है सफ़ीरों सा 
वो चाहत है फ़क़ीरों सा 
वो चाहत एक दिल जैसा 
मेरे होठों पे तिल जैसा 
---कमला सिंह 'ज़ीनत'

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