Sunday, 22 June 2014

दिल में इक अरमान बाक़ी है 
इश्क़ का इक इम्तिहान बाक़ी है 
आँखों ने देखे हैं मंज़र बहुत 
ज़िंदगी का इक तूफ़ान बाक़ी है 
---कमला सिंह 'ज़ीनत'

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