दिल के जज़्बात
Monday, 23 June 2014
तुझमें तमाम हो जाऊं
किस्सा ए आम हो जाऊं
समेट ले आगोश में
मैं तेरे ही नाम हो जाऊं
---कमला सिंह "ज़ीनत "
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