तेरे गुलशन में चहकने से ही दिल भरता है
बुलबुले चमने अदब चुप तेरी दुखदाई है
तू ही इज़्ज़त है सलामत है तुझी से ये बहार
तू नही है तो चमन वालों की रुसवाई है
____________कमला सिंह 'ज़ीनत'
बुलबुले चमने अदब चुप तेरी दुखदाई है
तू ही इज़्ज़त है सलामत है तुझी से ये बहार
तू नही है तो चमन वालों की रुसवाई है
____________कमला सिंह 'ज़ीनत'
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