मतला एक शेर हाज़िर है
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मुझे तराश कर हीरा बना दिया उसने
निगाह डाल कर मीरा बना दिया उसने
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मुझे तराश कर हीरा बना दिया उसने
निगाह डाल कर मीरा बना दिया उसने
नमक मिज़ाज़ थी होटों की चाशनी देकर
लुबाबे दहन से शीरा बना दिया उसने
लुबाबे दहन से शीरा बना दिया उसने
धड़कते दिल का धड़कना सुनाई दे जाए
बस इस ख़याल से चीरा बना दिया उसने
----कमला सिंह 'ज़ीनत'
बस इस ख़याल से चीरा बना दिया उसने
----कमला सिंह 'ज़ीनत'