Saturday, 23 January 2016

हैं गुरबत के मारे चुभन तापते हैं
लगाकर कलेजे से मन तापते हैं
कुहासे में फुटपाथ पर बैठे बैठे
वे तन को तपाकर बदन तापते हैं
----कमला सिंह 'ज़ीनत'

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