दिल के जज़्बात
Sunday, 17 January 2016
एक मतला एक शेर
जब भी यादों के उस वतन में रही
एक खुशबू लिये बदन में रही
वो सितारे सा जगमगाता रहा
मैं ख़्यालों के अंजुमन में रही
कमला सिंह 'ज़ीनत'
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