Friday, 24 January 2014

ज़िंदगी को करीब से देखा 
बेरहम उस नसीब को देखा 
जाने क्या लिखा है मुक़द्दर में  
ज़ुल्म करते हबीब को देखा 
---कमला सिंह 'ज़ीनत'

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