जीत हिस्से में तू लिख दे,मुझे हारा कर दे
एक बेनूर स्याह टूटा सितारा कर दे
नाम लिख कर मेरा नफ़रत से मिटा दे ख़त से
और किस्मत का मेरे दोस्त तू मारा कर दे
तुम तो रहो मीठा ही ओस की बूंदे बनकर
आँखों के समन्दर को मेरे खारा कर दे
ठोकरें खाना लिखा है दर दर तौबा
थाम कर हाथ मेरा ए दोस्त किनारा कर दे
तू सलामत रहे ए दोस्त बलाओं से बचे
रंजो गम जिंदगी के अपने हमारा कर दे
--------------कमला सिंह 'ज़ीनत'
behtareen shayree
ReplyDeletebahut bahut SHUKRIYA kushvansh ji
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