Wednesday 1 June 2016

बहुत ही उम्र हो लम्बी न ये बधाई दे
मेरे नसीब मुझे जि़द की वो मिठाई दे
ये शोख़ चूडि़यां पहना सकूं मैं बचपन को
जो हो सके तो मुझे मख़मली कलाई दे

3 comments:

  1. खूबसूरत जज़्बात

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  2. कम शब्दों में काफी कुछ कह दिया आपने. सुन्दर प्रस्तुति.

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