Friday, 15 July 2016

चूर होकर जो दम -ब- दम उतरे
साथ कोई क़दम क़दम उतरे
उन ख़यालों की सीढियां चलकर
रफ़्ता रफ़्ता सँभल के हम उतरे
--कमला सिंह 'ज़ीनत'

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