खुद को इस तौर पे सताती हूँ
नींद आखों से मैं उड़ाती हूँ
उसकी यादों की कश्तियाॅ लेकर
बस ख्यालों में डूब जाती हूँ
नींद आखों से मैं उड़ाती हूँ
उसकी यादों की कश्तियाॅ लेकर
बस ख्यालों में डूब जाती हूँ
इस तरह दिल में वो उतर जाए
अपनी यादें लिए गुज़र जाए
उसको सोचूँ तो जी बहलने लगे
ऐसी जादूगरी वो कर जाए
अपनी यादें लिए गुज़र जाए
उसको सोचूँ तो जी बहलने लगे
ऐसी जादूगरी वो कर जाए
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