एक शेर
लाशों का शहर भर में बाज़ार लगा देगा
दहशत का फरिश्ता है कोहराम मचा देगा
दहशत का फरिश्ता है कोहराम मचा देगा
एक शेर
कत्ल की मेरी ही सुनवाई है
आज मुंसिफ बना कसाई है
आज मुंसिफ बना कसाई है
एक शेर
जिसे जो चाहिए लेले कोई हाजत नहीं मुझको
मैं बचपन जी रही हूँ मेरा गुड्डा साथ रहने दे
मैं बचपन जी रही हूँ मेरा गुड्डा साथ रहने दे
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