Saturday 14 May 2016

ऐसे सीने से मेरे खुदको गुज़ारे क़ातिल
जैसे गरदन से कोई चाकू उतारे का़तिल
चाँद का जि़क्र किया और ये आफ़त आई
हो गये सुनके उसी रात सितारे का़तिल
---कमला सिंह 'ज़ीनत'

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