Wednesday, 11 May 2016

आज मैं मौन हूँ जानते हो क्यूँ ? शब्दों ने मुझे खुद निशब्द कर दिया है गूंगी बन कर भटक रही हूँ मैं अल्फ़ाज़ों के शहर में ---कमला सिंह 'ज़ीनत'

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