दिल के जज़्बात
Tuesday, 22 March 2016
स्वार्थ में खुदको भी अब अंधा बना लेते हैं लोग
दोस्ताने को भी इक धंधा बना लेते हैं लोग
कमला सिंह 'ज़ीनत'
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