आस का आसताना
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इश्क़ की तपिश
और तुम्हारे एहसास की खुशबू ने
मुझे अगरबत्ती बना दिया है
तुम्हारे आस का आसताना
जाने कबसे महका रही हूँ
कभी तो निकल जुनूँ की वहशत लपेटे
खाक होने से पहले
दीदार ए सनम मुबारक तो हो
हवा बहुत तेज़ है
सुलगन ज़ोरों पर है
आस का आसताना खुशबूदार है
खाक सजदे में है
ठंडी हो रही है
कुछ लम्हे और बस ।
और तुम्हारे एहसास की खुशबू ने
मुझे अगरबत्ती बना दिया है
तुम्हारे आस का आसताना
जाने कबसे महका रही हूँ
कभी तो निकल जुनूँ की वहशत लपेटे
खाक होने से पहले
दीदार ए सनम मुबारक तो हो
हवा बहुत तेज़ है
सुलगन ज़ोरों पर है
आस का आसताना खुशबूदार है
खाक सजदे में है
ठंडी हो रही है
कुछ लम्हे और बस ।
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