Friday, 10 October 2014

खून का प्यासा मेरा ला कोई लश्कर रख दे 
ला   मेरे सामने  इक जंग का मंज़र रख दे 
या तो सर मेरा उड़ा हौसला जो तुझमे हो 
या   फिर बैठ    मेरे सामने    खंज़र कर दे 
----कमला सिंह 'ज़ीनत'

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