Tuesday 8 October 2013


वो ऐसा है,के जिसके वास्ते आँखें तरसती हैं 
उसी के दम से ए जीनत तेरी पलकें महकती हैं 
--------------------------कमला सिंह जीनत 

मुझसे ना कर तू इश्क की बातें-ओ-दिलफरेब
मैं जिसको चाहती हूँ वो बंदा   गज़ब का है 
-----------------------------कमला सिंह जीनत 

एक को जान लिया ,मान लिया,मांग लिया 
अब दुआओं के लिए हाथ उठाना मुश्किल 
-------------------------------कमला सिंह ज़ीनत 

जिसको माँगा था खुदा से मयस्सर आया 
अब दुआ किस के लिए मांगूं रब से 
----------------------कमला सिंह ज़ीनत 

ल मेरा सामने तू मेरा मुकद्दर रख …वक़्त 
आज खुद अपने हाथ से तोड़ दूंगी ……उसे 
---------------------------कमला सिंह ज़ीनत 


कुछ फूल चमन के हम ने भी नहीं तोड़े 
भगवान् का गुजर हो तो ताने न सुने जाएँ 
----------------------------कमला सिंह ज़ीनत 

मेरे रुम्माल से खुशबु न जाये उसके छुवन की 
फ़क़त इतना ही हो जाये तो अह्हा खूब हो जाये 
---------------------------कमला सिंह ज़ीनत 

No comments:

Post a Comment