दिल के जज़्बात
Friday, 22 April 2016
अपने हिस्से का जब खु़दा देखा
ख़त्म होता सा फासला देखा
सर झुका और हाथ उठते ही
हर तरफ़ बस खु़दा खु़दा देखा
कमला सिंह 'ज़ीनत'
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