Tuesday 14 April 2015

जिन्हें नहीं है अभी तक बलंदियों का पता
वो फा़ख़ते को उडा़ने की बात करते हैं
भटक रहे हैं जो सहरा में बे-सरो सामान
वो हमसे गाँव बसाने की बात करते हैं

3 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 16-4-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1948 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 16-4-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1948 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  3. बेहतरीन रचना

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