Thursday, 26 September 2013

प्यार की राह पे फिर उसने बुलाया है मुझे 
बाद मुद्दत के कई गीत सुनाया है मुझे 
तितलियों आओ ज़रा साथ चमन तक मेरे 
मुन्तजिर बैठा है वो सबने बताया है मुझे 
---------------------कमला सिंह ज़ीनत 

प्यार जो करना ना आये तो,बेमकसद तू प्यार ना कर 
रिश्ता रिश्ता होता है जी,रिश्ते को बाज़ार ना कर 
सौदाकार हो तुम फितरत से ,ऐसा है तो रहने दो 
प्यार तुम्हारे बस का नहीं है,रहने दो व्यापार ना कर
---------------------------------कमला सिंह ज़ीनत 

वो कभी भी खफा नही होगा 
अब वो मुझसे जुदा नहीं होगा 
हो तो सकता है आसमान कोई 
उसके जैसा खुदा नहीं होगा 
-----------कमला सिंह ज़ीनत  

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