Thursday, 4 July 2013

tasawwur

तसव्वुर में अक्सर वो झाँका करते है मेरे, 
जेहन में बसा करते हैं हर लम्हें में मेरे,
चाहती हूँ, दूर हो जाऊ कुछ पल उनकी यादों से,
जुदा हो नही पाती मैं ख्यालों में लिपटी ज़ज्बातों से।। 
----------------------------------कमला सिंह 'जीनत'   

tasawwur me aksar vo jhanka karte hain mere 
jehan me basa karte hai ,har lamhe me mere 
chahti hun dur ho jaun kuch pal unki yadon se 
juda ho nahi pati khyaalon me lipti zazzbaton se 
---------------------------------------kamla singh 'Jeenat'

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