चंद सिक्कों के लिए
आज बिकती है दुनिया
एक नज़र प्यार के लिए
हम बिके तो क्या हुआ
जमाना ही फरेब का है
किसी की लाशों को
ख़रीदे या बेचे तो क्या हुआ
तोल -मोल के बिकती है
हर चीज़ आज ज़माने में
हमने जमीर बेचा तो क्या हुआ
लोग तो इंसान बेच देते हैं
अमीरी में ,
हमने दिल का सौदा किया
गरीबी में तो क्या हुआ। …
----------------कमला सिंह जीनत
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