Tuesday, 30 July 2013

मोल

चंद सिक्कों के लिए 
आज बिकती है दुनिया 
एक नज़र प्यार के लिए 
हम बिके तो क्या हुआ

जमाना ही फरेब का है 
किसी की लाशों को 
ख़रीदे या बेचे तो क्या हुआ 

तोल -मोल के बिकती है
हर चीज़ आज ज़माने में 
हमने जमीर बेचा तो क्या हुआ 
लोग तो इंसान बेच देते हैं 
अमीरी में ,
हमने दिल का सौदा किया 
गरीबी में तो क्या हुआ। … 
----------------कमला सिंह जीनत   

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