दिल के जज़्बात
Monday, 29 July 2013
आँखों ही आँखों में बयां हुई बातें,देखते ही देखते चार हुई आँखें
उलझती ही गयी बातें ही बातें ,देखती रह गयी आँखें ही आँखें
-------------------------------------------------कमला सिंह जीनत
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