दबी चिंगारियों को फिर से सुलगा दिया कोई
बेचैनी दिल की फिर से बढ़ा दिया कोई
समझता नहीं क्या होगा अंजाम उसका 'जीनत'
जिंदगी को फिर से उलझनों में उलझा दिया कोई
----------------------------- कमला सिंह 'जीनत'
dabi chingariyon ko phir se sulga diya koi
bachaini dil ki phir se badhha diya koi
samjhta nahi kya hoga anjaam uska 'zeenat'
zindgi ko phir se uljhaa men diya koi
------------------------------kamla singh 'zeenat'
29/07/13
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