सरज़मी पे जिंदगी के अपने यादों को सींच कर ज़ीनत
लौट आई फिर उसी इंतज़ार के आशियाने में
-------------------कमला सिंह ज़ीनत
लौट आई फिर उसी इंतज़ार के आशियाने में
-------------------कमला सिंह ज़ीनत
ला पाऊं जो जिंदगी में मुस्कुराट उसके अजी 'ज़ीनत'
शबाब हासिल हो इश्क का मुझको।
--------------कमला सिंह ज़ीनत
शबाब हासिल हो इश्क का मुझको।
--------------कमला सिंह ज़ीनत
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