दिल के जज़्बात
Wednesday, 2 October 2013
तलबगार हूँ बस तेरी इक नज़र के लिए ज़ीनत
मैंने सौंप दिया जिंदगी भी अब तो अपनी
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---कमला सिंह ज़ीनत
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