Tuesday, 22 October 2013

सरज़मी पे जिंदगी के अपने यादों को सींच कर ज़ीनत 
लौट आई फिर उसी इंतज़ार के आशियाने में 
-------------------कमला सिंह ज़ीनत



ला पाऊं जो जिंदगी में मुस्कुराट उसके अजी 'ज़ीनत'
शबाब हासिल हो इश्क का मुझको। 
--------------कमला सिंह ज़ीनत

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