दिल के जज़्बात
Saturday, 5 October 2013
जिंदगी गुजार दी उलझनों के सुलझाने में ज़ीनत
बचा क्या है जो हिसाब करूँ खुद का जिंदगी से
--------------------कमला सिंह ज़ीनत
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