Monday, 28 October 2013

ज़र्रा  तमाम  देख लो  निखरी हुई  हूँ  मैं 
ग़ज़लों के ज़ुल्फें नाज़ पे बिखरी हुई हूँ मैं
--------------------कमला सिंह ज़ीनत  
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zarra tamaam dekh lo nikhri hui hun main 
gazlon ke julfen naaz pe bikhri hui hun main 
--------------------kamla singh zeenat 

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