दिल के जज़्बात
Thursday 31 October 2013
हर गली,हर राह सुनसान
लगती है
ज़िंदगी भी इक शमशान लगती है
हुआ तेरी मुहब्बत का असर ज़ीनत पर
शहर ख्वाहिशों कि भी वीरान लगती है
-------------कमला सिंह ज़ीनत
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment