दिल के जज़्बात
Monday 1 March 2021
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जरा लिखने दे अपनी जिंदगी और गुनगुनाने दे मिली है पल दो पल की जिंदगी तो मुस्कुराने दे ---कमला सिंह 'ज़ीनत
Saturday 11 November 2017
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तुझसे किया है प्यार यही तो कुसूर है इस बात पे भी यार क़सम से गुरुर है रहती हूँ तेरी याद मेँ मसरुफ़ रात दिन छाया हुआ ...
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Friday 10 November 2017
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प्यार मुहब्बत ख़ुशियाँ जिस पर यारों हमने वार दिया उस ज़ालिम ने बेदर्दी से तन्हा करके मार दिया उसकी रूह से कोई पूछ...
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Wednesday 8 November 2017
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एक ग़ज़ल आप सबके हवाले ------------------------------- मैं ख़ता करूँ तो ख़ता लिखो मैं वफ़ा करूँ तो वफ़ा लिखो मेरी आँख द...
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Friday 3 November 2017
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हाल बेहतर सुनाये काफी है वो फ़क़त मुस्कुराए काफी है मेरी गज़लें पढ़े , पढ़े न पढ़े सिर्फ़ वो गुनगुनाए काफी है ...
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Monday 16 October 2017
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दिवाली ........... मुझे वो दिवाली दोगे तुम ? जहाँ बचपन की मेरी फुलझडी़ बिना छूटे मेरी फूँक के इंतजा़र में मायूस पडी़ है ? मुझे वो आंगन दिल...
Saturday 9 September 2017
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एक ग़ज़ल देखें ---------------------- ज़ुल्म हो जब भी लड़ जाईये ख़ौफ़ बन कर उभर जाईये हौसला है अग र आप में पार...
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