चूड़ियों कि खनक से झूमती है रात उसकी
साँसे भी महकती हैं उसकी खुश्बू से मेरी
-----------------------कमला सिंह ज़ीनत
पाज़ेब कि छुनछुन से धड़कता है दिल उसका
आहटें भी ज़ीनत बेचैन बना देती हैं उसे
-----------------------------------कमला सिंह ज़ीनत
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