माँ शब्द है सबसे प्यारा
जिससे है संसार हमारा
कोख से जिसके पैदा होकर
जीवन है सम्पूर्ण हमारा
तेरे वात्सल्य की छाया में माँ
बचपन है ज़न्नत से प्यारा
तेरे एक स्पर्श से हमको
मिलता जीवनदान है सारा
बिन बोले समझती है दिल को
कर देती तू दुखों से किनारा
खुद को भुखा रहकर भी माँ तू
भरती है खाली पेट हमारा
सृष्टि की जननी है तू ही
धरती पर वरदान है प्यारा
आविष्कार है कुदरत का तू
नायाब तोहफ़ा प्यारा-प्यारा
न होती तो हम अनाथ हैं
तेरा साथ है हमको प्यारा
छन में तू दुःख हर लेती
लबों पे देती मुस्कान प्यारा
लोग पूजते देवी देवता
मैं पुजू चरण तुम्हारा
तेरे लाल का दर्जा पाकर
जीवन है जन्नत से प्यारा
ये है अहोभाग्य हमारा
ये है अहोभाग्य हमारा
-----------कमला सिंह ज़ीनत
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