यकीं करते हो ईश्वर पर,तो बोलो क्यूँ भला तुझ पर
मुसलसल गुमशुदा रहने का ये अज़ाब ठहरा है
--------------------------------कमला सिंह ज़ीनत
yaqee'n karte ho ishwar par to bolo kyun bhala tujh par
musalsal gumshuda rahne ka ye azaab thahra hai
musalsal gumshuda rahne ka ye azaab thahra hai
--------------------------------kamla singh zinat
आज की चर्चा : ज़िन्दगी एक संघर्ष -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-005
ReplyDeleteहिंदी दुनिया -- शुभारंभ