वो ऐसा फूल है वाहिद की जिसकी खशबू से
तमाम उम्र मेरी रूह तलक महकेगी
-----------कमला सिंह ज़ीनत
wo aisa phool hai wahid kii jiski khusboo se
tamaam umr meri ruh talak mahkegi
-------------------kamla singh zeenat
कर दे सीने में मेरे वक़्त तू बेदर्द सुराख़
घुट के जीना मेरे अंदाज़ को गवारा नहीं
----------------कमला सिंह ज़ीनत
kar de seene mein mere tu bedard surakh
ghut ke jina mere andaz ko gawara nahi
---------------kamla singh zeenat
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