दिल के जज़्बात
Tuesday 12 November 2013
क़तरा क़तरा साँसों का दे कर ज़िंदा रखा उसे ज़ीनत ने
बारी जब आयी उसकी साँसें ही छीन ली मेरी
----------------कमला सिंह ज़ीनत
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment