दिल के जज़्बात
Friday, 4 October 2013
इश्क जब आग लगा देता है दिल के अन्दर
इक अलग दाग लगा देता है दिल के अन्दर
याद की शक्ल में जब भी वो गुजर जाता है
बाग़ ही बाग़ लगा देता है दिल के अन्दर
--------------------कमला सिंह ज़ीनत
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