--------ग़ज़ल-------------
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प्यार में यारों दिल बहलाना ठीक नहीं
बेमतलब का दिल में आना ठीक नहीं
पल में रंग बदल जाये मस्ताने का
ऐसा भी बुज़दिल दीवाना ठीक नहीं
जो भी बीता पल है इश्क मुहब्बत में
ये किस्सा तो आम सुनाना ठीक नहीं
इश्क को समझे वो जिसने दिल हारा हो
बिन समझे कोहराम मचाना ठीक नहीं
दिल के शीश महल में नाम जो लिखा हो
जीवन भर वो नाम मिटाना ठीक नहीं
दिल के अंदर ज़ीनत खूब है खुशहाली
इस दिल में फिर दर्द छुपाना ठीक नहीं
--------------------------कमला सिंह ज़ीनत
pyar mein yaaron dil bahlana thik nahi
bematlab kaa dil mein aana thik nahi
pal mein rang badal jaye mastaane ka
aisaa bhi bujdil deewana thik nahi
jo bhi beeta pal hai ishq muhabbat mein
ye kissa to aam sunana thik nahi
ishq ko samjhe vo jisne dil haaraa ho
bin samjhe kohraam machaana thik nahi
dil ke shish mahal mein naam jo likha ho
jeevan bhar vo naam mitaana thik nahi
dil ke andar 'zeenat' khub hai khushhaali
is dil mein fir dard chhupana thik nahi
--------------------------- kamla singh zeenat
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [07.10.2013]
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नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
सादर
सरिता भाटिया