Monday, 30 September 2013

सिर्फ तुम

सिर्फ तुम  
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एक एहसास तुम्हारा 
प्यारा सा एहसास 
अचानक आये जिंदगी में मेरी 
एक शीतल बयार  
झोंका हवा का 
खुश्बू से भरपुर
एक सुकून के साथ 
रिमझिम बरसती बूंदों की मानिंद 
महका  गए दामन मेरा 
भीगा दिया आँचल मेरा 
पडा था बरसों से जो 
एक ज़िंदा लाश की तरह
दुनिया की  …चकाचौंध से दूर 
तिश्नगी लिए लबों पे 
दो बोल मीठे सुनने को आतुर 
मुन्तजिर बैठी 
पथरायी आँखे लिए 
ऐसे में तुम आये 
जिंदगी लिए 
एक दुआ बनकर 
एक सुकून की छांह लिए 
भिगो दिया दामन मेरा 
भर दिया जोश उल्फत का 
तुम्हारा वो इज़हार 
जिंदगी दे दिया तुमने 
मुझको …. मुझको 
हाँ तुम मेरे हो 
मेरी दुआ 
मेरी इबादत 
मेरा प्यार 
मेरी जिंदगी 
कभी ना जाना छोड़कर मुझे 
यूँ बेवा बनाकर 
बहुत प्यार करती हूँ तुमसे 
खुद से जादा 
जिंदगी हो तुम 
बस जिंदगी 
---------------कमला सिंह ज़ीनत  

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