Tuesday, 24 September 2013

उसे हम खुद से ज्यादा चाहते हैं 
यही मंजिल के सारे रास्ते हैं 
वो मुझ पर बादलों सा छा गया है 
तो हम भी मोर बनकर नाचते हैं 
---------------कमला सिंह ज़ीनत 

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