दिल के जज़्बात
Thursday, 15 August 2013
लम्हों को जी रही हूँ मैं ,लफ़्ज़ों को सी रही हूँ मैं
दिए गए तेरे जख्म सारे ज़हर की मानिंद पी रही हूँ मैं
-----------------------------------कमला सिंह ज़ीनत
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