दरख्तों पे पड़े फूल भी मुरझा गए 'जीनत'
किस मौसम की बात करे हो,जो मौसम ना आयो रे
किस मौसम की बात करे हो,जो मौसम ना आयो रे
-------------------------------------कमला सिंह 'जीनत
darkhton pe pade phool bhi murjha gaye zeenat
kis mausam ki baat kare ho,jo mausam naa aayo re
--------------------------------------kamla singh zeenat
29/07/13
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