मौत अभी रुक जा,जरा गले मिलने तो दे
कुछ पल ही सही मुझे जिंदगी जीने तो दे
तेरे दर से रुखसत हो कर जाऊगी कहाँ
मंजिल है तू ,जिंदगी है तू,जरा दम भरने तो दे
वक़्त तूने दिया नहीं सोचने और समझने का
जिंदगी का भरम जरा मिटने तो दे
सच है ये झूठ नहीं,तू हकीकत है ख्वाब नहीं
जरा जिंदगी का लुत्फ उठाने तो दे
समां जाउंगी ख़ुशी से आकर आगोश में तेरे
महबूब से मुझे जरा लिपट कर रोने तो दे
मुख़्तसर है तेरे पास आना मेरा पल में
जिंदगी को जिंदगी से रूबरू होने तो दे
मुख़्तसर है तेरे पास आना मेरा पल में
जिंदगी को जिंदगी से रूबरू होने तो दे
------------------------------कमला सिंह जीनत
01/08/13
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