Tuesday, 30 July 2013

आज जिक्र इश्क का जब से हुआ है 
ये दिल भी मेरा उनका हुआ है 

गाहे-बगाहे चर्चा होता है उनका 
यादों में दिल भी फिर से है खोता

समझाऊ किस तरह से खुद को  
अब वो प्यार नहीं है मुझसे उनको

क्यों भटकता है मन आज भी अतीत में 
नहीं कुछ भी बचा,ख्वाब भी उनके करीब में 

चल रे मन कही और चले जिंदगी से दूर 
आये न जहां कोई भी होके  दिल से मजबूर।
--------------------------------कमला सिंह जीनत 
                                   31/07/13

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