Friday, 2 August 2013

खुश्क होठों पे एक नमी के लिए 
रोज़ खुद को निचोड़ देती हूँ 
-----------------------कमला सिंह जीनत 
khushk hoton pe ek nami ke liye roz khudko nichood deti hun .-----------------------.kamla singh zeenat

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