Tuesday, 27 August 2013

इंसान बदलता है मौसम में शान के 
इतफाक नहीं होता,ये होता है जान के
हम भी बदल जाएँ गर मौसम की तरह 
कहलायेंगे हम बेवफा इश्क में मान के
---------------------------कमला सिंह 'ज़ीनत'

Insaan.badalta hai,mausam me shaan ke
itefaak nahi hota,ye hota hai jaan ke
ham bhi gar badal jaayen gar mausam ki tarah
kahlaayenge bewafaa ishq me maan ke
--------------------------------kamla singh

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