दिल के जज़्बात
Thursday, 22 August 2013
एक बार जिंदगी जो मिली बेरुखी के साथ
देखा न भीड़ किसी ने हमें जिंदगी के साथ
तन्हाईयों से जोड़ लिया रिश्ता खुद का
चल पड़े कदम अब तनहा परछाईयों के साथ
----------------------------कमला सिंह 'ज़ीनत '
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment